राजस्थान स्थित राष्ट्रीय उद्यान: The name of the National Park and Wildlife Sanctuary in the state of Rajasthan, the location, the area of the National Park and Wildlife Sanctuary, the year of establishment, etc. Important information is as follows.
राजस्थान स्थित राष्ट्रीय उद्यान
1. राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान
यह राज्य का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान है | इसे 1 नवम्बर 1980 को राष्ट्रीयउद्यान का दर्जा दिया गया। सन् 1973 में इसे टाईगर प्रोजेक्ट में शामिल किया गया हैं। वर्तमान में इसका नाम राजीव गांधी राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया है। रणथम्भौर राष्ट्रीय पार्क में 6 झीलें हैं, ये- पदम तालाब, रामबाग, मलिक तालाब, मानसरोवर, लाहपुरा गिलाई सागर। इस उद्यान में त्रि-गणेशजी का मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है।
- स्थान :— सवाई माधोपुर
- स्थापना वर्ष :— 1980
- क्षेत्रफल :— 282 वर्ग किमी
- प्रमुख वृक्ष प्रजातियां :— धोकड़ा, ढाक, सालर, बरगद
- वन्य जीव :— बाघ, तेंदुआ, रीछ, जरख
2. सरस्किा
यह अभ्यारण्य राजस्थान का दूसरा बाघ परियोजना क्षेत्र है। 1982 में राज्य सरकार ने इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित करने की अधिसूचना जारी की थी | यह 492 वर्ग किमी. क्षेत्र में अलवर में विस्तृत है। इसे 1979 बाघ रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया।
- स्थान :— अलवर
- क्षेत्रफल :— 273.8 वर्ग किमी
- प्रमुख वृक्ष प्रजातियां :— धोकड़ा, कौंच की फली, सालर
- वन्य जीव :— बाघ, सियागोश बिल्ली, मोर
3. केवलादेव
यह राज्य का दूसरा राष्ट्रीय उद्यान है। 1956 में इसे अभयारण्य का दर्जा प्राप्त हुआ। 1981 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया और यूनेस्कों द्वारा वर्ष 1985 में इसे विश्व प्राकृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया गया। यह राष्ट्रीय पक्षी अभयारण्य – रामसर कन्वेशन के अनुसार विश्व के नम भूमि क्षेत्रों में अंकित है। यह उद्यान भरतपुर जिले में गंभीरी व बाणगंगा नदियों के संगम पर स्थित है।
पानी के पक्षियों के लिए केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान एक अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त पार्क है। झील के साथ-साथ भूमि पर भी कदम्ब और अकेशिया के पेड़ों के घने जंगल पक्षियों को आकर्षित करते हैं। विदेशी पक्षी प्रजातियों में मुख्य आकर्षण दुर्लभ, साइबेरियाई क्रेन (सारस) है। इसके अलावा गीज, सफेद मोर, पोचार्ड, लेपबिंग, बेगटेल एवं रोजी पेलीकन इत्यादि आते है। अभयारण्य स्थित पाईथन पोइन्ट पर अजगर देखे जा सकते हैं।
- स्थान :— भरतपुर
- स्थापना वर्ष :— 1981
- क्षेत्रफल :— 28.73 वर्ग किमी
- प्रमुख वृक्ष प्रजातियां :— बबूल, कदम्ब, जामुन
- वन्य जीव :— आप्रवासी पक्षी
4. राष्ट्रीय मरू उद्यान
यह मरूउद्यान क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य में सबसे बड़ा अभ्यारण्य है। भारतीय वन जीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत पूर्ण संरक्षण प्राप्त राज्य पक्षी गोडावण इस अभ्यारण्य का मुख्य आकर्षण है।
- स्थान :— जैसलमेर-बाड़मेर
- स्थापना वर्ष :— 1992
- क्षेत्रफल :— 3,162.00 वर्ग किमी
- प्रमुख वृक्ष प्रजातियां :— खेजड़ी, बेर, सेवण, फोग
- वन्य जीव :— मरूबिल्ली, गोडावण
5. मुकुन्द्रा हिल्स, दर्रा राष्ट्रीय उद्यान
मुकुन्दरा हिल्स को 9 अप्रेल 2013 को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया | यह करीब 760 वर्ग किमी में चार जिलों कोटा, बूंदी, झालावाड़ व चित्तौडगढ़़ में फैला है। यहां सांभर, नीलगाय, चीतल, हिरण ओर जंगली सूअर पाये जाते है। यह गागरोनी (हीरामन) तोतों के लिए प्रसिद्ध है इसमें मुकुन्दरा राष्ट्रीयउद्यान, दरा अभयारण्य, जवाहर सागर व चंबल घडिय़ाल अभयारण्य का कुछ भाग शामिल है। मुकन्दरा की पर्वत श्रृंखलाओं में आदिमानव के शैलाश्रय व उनके द्वारा बनाये गये शैलचित्र मिले हैं।
- स्थान :— कोटा
- स्थापना वर्ष :— 2006
- क्षेत्रफल :— 200.54 वर्ग किमी
- प्रमुख वृक्ष प्रजातियां :— बबूल, इमली, बेर, ढाक
- वन्य जीव :— चाता, सांभर, चिंकारा भेड़िया
Also Read: राजस्थान स्थित नगरों के प्राचीन नाम
राजस्थान स्थित वन्य जीव अभयारण्य
On 23 April 1951, the Rajasthan Wildlife Protection Act 1951 (राजस्थान वन्य-पक्षी संरक्षण अधिनियम 1951) was implemented. The Wildlife Protection Act 1972 was enacted by the Government of India on 9 September 1972. It was implemented in Rajasthan on 1 September 1973. The names of threatened and extinct animals and plants are entered in the Red Data Book. Kailash Sankhala was the creator of the ‘Tiger Conservation Scheme’ in India. He is also called ‘Tiger man of India’. He also wrote the books Tiger and return of tiger.
वन्य जीव अभयारण्य | स्थान | क्षेत्रफल | स्थापना वर्ष | वन्य जीव | प्रमुख वृक्ष प्रजातियां |
1. सरिस्का | अलवर | 219.00 वर्ग किमी | 1955 | बाघ, सियागोस, बिल्ली, मोर | धोकड़ा, कौंच की फली, सालर |
2. रामसागर | धौलापुर | 34.40 वर्ग किमी | 1955 | गीदड़, भेड़िया | धोकड़ा, खैर, गोया |
3. केसर बाग | धौलपुर | 14.76 वर्ग किमी | 1955 | भेड़िया, जरख, लोमड़ी, चीतल | धोकड़ा, कुमठा, रोंज |
4. वन-विहार | धौलपुर | 25.60 वर्ग किमी | 1955 | कमल | |
5. दर्रा | कोटा-झालावाड़ | 80.75 वर्ग किमी | 1955 | बघेरा, गागरोनी तोता | धोकड़ा, खैर, तेन्दू, बिया |
6. जयसमन्द | उदयपुर | 52.34 वर्ग किमी | 1955 | बघेरा, लकड़बग्घा | केवड़ा, ढाक |
7. माउण्ट आबू | सिरोही | 112.98 वर्ग किमी | 1960 | जंगली मु्र्गे, बघेरा | आम, जामुन, गूलर |
8. तालछापर | चुरू | 7.19 वर्ग किमी | 1971 | काला हिरण, प्रवासी पक्षी | मोथिया घास, लाना झाड़ियाँ |
9. कुम्भलगढ़ | पाली-उदयपुर राजसमन्द | 608.57 वर्ग किमी | 1971 | भेडिया, लकड़बग्धा | धोकड़ा सालर, चन्दन |
10. जवाहर सागर | कोटा | 153.41 वर्ग किमी | 1975 | घड़ियाल, मगरमच्छ | धोकड़ा, बांस |
11. सीतामाता | चित्तौड़गढ़-उदयपुर | 422.94 वर्ग किमी | 1979 | उड़न गिलहरी, रीछ | सागवान, बांस, महुआ |
12. राष्ट्रीय घड़ियाल अभयारण्य | कोटा-सवाई माधोपुर-बूंदी-धौलुपर-करौली बूंदी | 280.00 वर्ग किमी | 1979 | घड़ियाल, मगरमच्छ | बबूल, खैर, शीशम |
13. राष्ट्रीय मरू उद्यान | जैसलमेर-बाड़मेर | 3,162.00 वर्ग किमी | 1980 | मरूबिल्ली, गोडावण | खेजड़ी, बेर, सेवण, फोग |
14. नाहरगढ़ | जयपुर | 50.00 वर्ग किमी | 1980 | सियार, नीलगाय, बघेरा | धोकड़ा, सालर, तेन्दू |
15. रामगढ़-विषधारी | बूंदी | 252.79 वर्ग किमी | 1982 | बाघ, साभंर, सूअर | धोकड़ा, चुरैल |
16. जमवा रामगढ़ | जयपुर | 300.00 वर्ग किमी | 1982 | बघेरा, जरख, भेड़िया | खस, आम |
17. भैंसरोड़गढ़ | चित्तौड़गढ़ | 229.14 वर्ग किमी | 1983 | बघेरा, रीछ | धोकड़ा, सालर, गुर्जन |
18. शेरगढ़-अचरौली | बारां | 98.71 वर्ग किमी | 1983 | बघेरा, जरख, रीछ | चिरौंजी, बिया, बेल |
19. टाटगढ़-रावली | अजमेर-पाली | 463.0 वर्ग किमी | 1983 | बघेरा, रीछ, जरख | धोकड़ा,धावड़ा, सालर |
20. कैला देवी | करौली | 676.38 वर्ग किमी | 1983 | बघेरा, रीछ, जरख | धोकड़ा |
21. फुलवारी की नाल | उदयपुर | 492.68 वर्ग किमी | 1983 | बघेरा, जरख, वनबिलाव | सागवान, महुआ, धोकड़ा |
22. सावाई मानसिहं | सवाई माधोपुर | 127.76 वर्ग किमी | 1984 | बाघ, बघेरा | रोहिड़ा |
23. बन्ध बरेठा | भरतपुर | 199.50 वर्ग किमी | 1985 | प्रवासी पक्षी | मारवी, सेमल, घटबोर |
24. सज्जनगढ़ | उदयपुर | 5.19 वर्ग किमी | 1987 | सांभर, चीतल | धोकड़ा, सालर, धावड़ा |
25. बस्सी | चित्तौड़गढ़ | 138.69 वर्ग किमी | 1988 | बघेरा, जरख | ढ़ाक, सागवान, बांस, |
Also Read: राजस्थान स्थित मुख्य महल व उनका स्थान
राजस्थान स्थित प्रमुख मृगवन
राजस्थान राज्य में स्थित प्रमुख मृगवन: The main deer located in the state of Rajasthan, their year of establishment, the main creatures and places found there are as follows.
क्र. सं. | मृगवन का नाम | स्थापना वर्ष | जिला | प्रमुख जीव |
1 | अशोक विहार मृगवन | 1986 | जयपुर | चीतल, चिंकारा, नीलगाय, सांभर |
2 | मचिया मृगवन | 1985 | जोधपुर | चिंकारा, काला हिरण, नीलगाय |
3 | पुष्कर मृगवन | 1985 | अजमेर | चीतल, चिंकारा |
4 | मृगवन | 1969 | चित्तौड़गढ़ | चिंकारा, काला हिरण, चीतल, नीलगाय |
5 | सज्जन गढ़ मृगवन | 1984 | उदयपुर | चीतल, सांभर |
6 | अमृता देवी मृगवन | — | जोधपुर | काल हिरण, चिंकारा, मरू लोमड़ी |
7 | संजयमृगवन | 1986 | जयपुर | नीलगाय, चीतल, चिंकारा |
Also Read: राजस्थान स्थित प्रमुख शिलालेख